एससी-एसटी एक्ट में हुए इस बदलाव के लिए कई दलित संगठन मोदी सरकार को जिम्मेदार बता रही है. ऐसे में लगातार चुनावी राजनीति में अपनी जमीन तलाशती कांग्रेस अब राहुल गांधी के नेतृत्व में इस मुद्दे को भुनाने की कोशिशों में जुटी है.
उत्तर प्रदेश और कठुआ में जिस तरह से क़ानून का उलंघन किया गया हैं उसने ये सिद्ध कर दिया हैं भाजपा के लिए देश का क़ानून कोई मायने नहीं रखता . देश में आक्रोश बुरी तरह से फ़ैल रहा हैं .
पटना के मैदान में मुस्लिम समुदाय की देश बचाओ रैली “देश और इस्लाम खतरे में
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी आगामी 23 अप्रैल से संविधान के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ घेराबंदी करते हुए ‘संविधान बचाओ’ अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं . देशभर में होने वाले इस अभियान का प्रमुख मुद्दा दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के खिलाफ होने वाले अपराध होंगे. इसके अलावा इस अभियान के दौरान उन आपराधिक मुद्दों को भी उठाया जाएगा, जिन्होंने संविधान को क्षति पहुचाई हैं .
.कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार पर हमला करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसी क्रम में राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करने के लिए एक नई रणनीति तैयार की है. दरअसल, राहुल गांधी दलितों के मुद्दे को हथियार बनाते हुए मोदी सरकार को घेरने के लिए अपना राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू कर रहे हैं .
विश्व हिन्दू परिषद् में तोगड़िया युग का अंत ,तोगड़िया करेंगे गुजरात में अनशन
राहुल अपना यह अभियान ऐसे वक्त पर शुरू कर रहे हैं जब पूरे देश में केंद्र सरकार के खिलाफ दलितों का गुस्सा अपने पूरे उफान पर है. बीते दिनों एससी-एसटी एक्ट में बदलाव वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले और मोदी सरकार के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन देखने को मिला था.
सीबीएसई एक्जाम पेपर लीक ,एस एस सी छात्रो पर लाठी चार्ज . बेंक घोटाले . किसानो की आत्म हत्या . असुरक्षा का माहौल .उन्नाव और कठुआ बलात्कार काण्ड ऐसे मुद्दे हैं जिन्होंने भाजपा को चारो तरफ से घेर लिया हैं .
ऐसे में राहुल गाँधी का देश व्यापी स्तर पर संविधान सुरक्षा यात्रा भाजपा के लिए खतरे की घंटी हैं .