संघ पर देश के लिए आज़ादी की लड़ाई में शामिल न होने का आरोप लगता रहा हैं . साथ ही हाल ही में आतंकियों ने सेना के केम्प में घुसपैठ कर सेना के जवानो और अधिकारियों पर हमला बोला हैं . देश आक्रोश से भरा हुआ हैं . अब देश की सेनाओं की क्षमताओं पर अपने ही लोग प्रश्न खड़े करने लगे हैं .
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बिहार के मुजफ्फर पुर में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के एक कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि, “अगर जरूरत पड़ी तो देश के लिये लड़ने की खातिर आरएसएस के पास तीन दिन के भीतर ‘सेना’ तैयार करने की क्षमता है.” उन्होंने मुजफ्फरपुर के जिला स्कूल मैदान में आरएसएस के स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि, “सेना को सैन्यकर्मियों को तैयार करने में छह—सात महीने लग जाएंगे, लेकिन संघ के स्वयं सेवकों को लेकर यह तीन दिन में तैयार हो जाएगी.
ऐसा बचकाना बयान देने की वज़ह शायद अपने आपको देश प्रेमी साबित करने की ललक रही . या देश के लिए बलिदान देने का ख्याल दिल में आ गया हो ….
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एक तरह से संघ प्रमुख भागवत ने सेना के शौर्य और उसकी क्षमताओं पर सवाल उठा दिया था . ये कहना एक तरह से देश की सेना का अपमान ही था . मोहन भागवत को पहले मोदीजी को बोल कर कश्मीर से सेना और सुरक्षा बल हटा कर सीमा की सुरक्षा की जिम्मेवारी अभी ताल ले लेनी चाहिए थे . देश और राष्ट्र से प्रेम दिखाने का अवसर नही छोड़ना चाहिए . उन्होंने बोल तो दिए बड़े बोल …
इसकी प्रतिक्रिया कुछ धमाकेदार ही आयेगी . और प्रतिक्रिया आ भी गयी . राहुल गाँधी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि, “आरएसएस प्रमुख का भाषण हर भारतीय का अपमान है, क्योंकि इससे हर उस भारतीय का अनादर हुआ है जिसने देश के लिए अपनी जान कुर्बान की है। यह हमारे राष्ट्रीय ध्वज का भी अपमान है, क्योंकि यह उस हर सैनिक और जवान का अपमान है, जिसने इसे सलामी दी है। हमारे शहीदों और हमारी सेना का अपमान करने के लिए भागवत जी आपको शर्म आनी चाहिए”
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कहने पर अजय माकन और शीला दीक्षित अब साथ साथ